मुगल वंश - बाबर
मध्यकालीन भारत के मुगल शासक वस्तुतः थे - चगताई तुर्क I.A.S. (Pre) 2003
- मुगल शासक वास्तव में तुर्को की चगताई नामक शाखा के थे।
- इस शाखा का नाम प्रसिद्ध मंगोल नेता चंगेज खां के द्वितीय पुत्र के नाम पर पड़ा था, जिसके अधिकार में मध्य एशिया तथा तुर्को का देश तुर्किस्तान थे।
किसने बाबर को सर - ए - पुल के युद्ध में पराजित किया था - शैबानी खां U.P. Lower Sub. (Pre) 2015
- शैबानी खां ने 1501 ई. में सर - ए - पुल के युद्ध में बाबर को पराजित कर मध्य एशिया से खदेड़ दिया।
- इस युद्ध में उजबेगों की युद्ध नीति तुगलुमा पद्धति का प्रयोग शैबानी खां ने बाबर के विरुद्ध किया था।
पानीपत का प्रथम युद्ध किसके मध्य हुआ था - बाबर और इब्राहिम लोदी U.P.P.C.S. (Pre) 1996/P.C.S. (Pre) 2005/U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल, 1526 को बाबर तथा इब्राहिम लोदी के बीच हुआ।
किस युद्ध में बाबर ने जेहाद की घोषणा की थी - खानवा का युद्ध U.P.P.C.S. (Mains) 2009
- बाबर ने खानवा के युद्ध में जेहाद की घोषणा की थी।
- खानवा का युद्ध 17 मार्च, 1529 को बाबर और राणा सांगा के बीच हुआ था।
- इस युद्ध में राणा सांगा पराजित हुआ।
- इसी युद्ध में विजयश्री मिलने के उपरांत बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की।
भारत के मुगल शासक बनने पर जहीरुद्दीन मोहम्मद ने .......... नाम रखा - बाबर P.C.S. (Pre) 2003
- बाबर का पूरा नाम जहीरुदद्दीन मोहम्मद बाबर था, इसका जन्म 14 फरवरी, 1483 ई. को फरगना में उमर शेख मिर्जा एवं कुतुलग निगारखानम के घर हुआ था।
- पिता की मृत्यु के बाद लगभग बारह वर्ष की अल्पायु में 1495 ई. में वह फरगना के सिंहासन पर बैठा।
- पानीपत के प्रथम युद्ध में विजय के पश्चात 27 अप्रैल, 1526 को बाबर ने अपने को बादशाह घोषित करके भारत में मुगल साम्राज्य की नींव डाली।
अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद का निर्माण किसने कराया था - मीर बाकी U.P.P.C.S. (Pre) 1992
- ऐसी मान्यता है कि मुगल बादशाह बाबर के सेनानायक मीर बाकी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था।
बाबर ने सर्वप्रथम पादशाह की पदवी धारण की थी - काबुल में U.P.P.C.S. (Mains) 2015
- बाबर ने अपने फरगना के शासनकाल में 1501 ई. में समरकंद पर अधिकार किया, जो मात्र आठ महीने तक उसके कब्जे में रहा।
- समरकंद और फरगना का शासन उसके हाथों से निकल जाने के बाद उसने काबुल की ओर रुख किया।
- 1504 ई. में काबुल विजय के उपरांत बाबर ने अपने पूर्वजों द्वारा धारण की गई उपाधि मिर्जा का त्याग कर नई उपाधि पादशाह धारण की।
वह मुगल सम्राट जिसके जीवन से धैर्य व संकल्प से सफलता की शिक्षा मिलती है - जहीरुदद्दीन मोहम्मद बाबर R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993
- जहीरुदद्दीन मोहम्मद बाबर के जीवन से धैर्य व संकल्प से सफलता की शिक्षा मिलती है।
- बाल्यावस्था में ही पिता का साया छिन जाने के बावजूद बाबर ने कभी हिम्मत नहीं हारी।
- उसके साहस एवं धैर्य का ही प्रतिफल था, कि उसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव डाली।
- उसने अपने पुत्र हुमायूं को सलाह दी थी कि संसार उसका है जो परिश्रम करता है। किसी भी आपत्ति का मुकाबला करने से मत चूकना। परिश्रमहीनता और आराम बादशाह के लिए हानिकारक है।
बाबर ने अपने बाबरनामा में किस हिन्दू राज्य का उल्लेख किया है - मेवाड़ U.P.P.C.S. (Pre) 1995
- बाबर ने अपनी आत्मकथा में जिन दो राज्यों का उल्लेख किया है -
- (1) विजयनगर (2) मेवाड़
तुजुक - ए - बाबरी किस भाषा में लिखा गया था - तुर्की B.P.S.C. (Pre) 2015
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