मुगलकालीन - प्रशासन, चित्रकला, संगीत एवं साहित्य
मुगल प्रशासन के दौरान जिले को किस नाम से जाना जाता था - सरकार P.C.S. (Pre) 2004
- मुगल प्रशासन के दौरान जिले को सरकार के नाम से जाना जाता था।
- शासन की सुविधा के लिए प्रत्येक सूबा (प्रांत) कई सरकारों (जिलों) में बंटा होता था।
- सरकार को पुनः परगना या महल में विभाजित किया गया था।
- प्रत्येक सरकार के प्रमुख अधिकारी - फौजदार, अमलगुजार, काजी, कोतवाल, बितिक्ची और खजानदार होते थे।
किसे मुगल सेना में चिकित्सक नियुक्त किया गया था - मनूची को U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008
- निकोलाओं मनूची (1653 - 1708 ई.) को मुगल सेना में चिकित्सक नियुक्त किया गया था।
- वह एक इतालवी यात्री था।
- इसने भारत आकार दारा शिकोह की सेना में तोपची के रुप में नौकरी की।
- 1659 ई. में दारा शिकोह की मृत्यु के बाद इसने चिकित्सक का पेशा अपना लिया।
मुगलकाल में सेना का प्रधान कौन था - मीर बख्शी U.P.P.C.S. (Pre) 1992
- मुगलकाल में मीर बख्शी सैन्य विभाग का प्रधान था।
- उच्चधिकारियों सहित सभी श्रेणियों के मनसबदारों की नियुक्ति के आदेश उसी के द्वारा दिए जाते थे।
- घोड़ों को दागने और सिपाहियों का मुआयना करने का काम भी उसी के जिम्में था।
- वह सरखत नामक प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर करके सैनिकों का मासिक वेतन भी निर्धारित करता था।
- इसके अतिरिक्त प्रांतो में भी बख्शी होते थे जो मीर बख्शी के नियंत्रण में कार्य करते थे।
मुगल शासन में मीर बख्शी का कर्तव्य था - भू-राजस्व अधिकारियों का पर्यवेक्षण U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2004
- मुगल शासन में मीर बख्शी भू-राजस्व अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था तथा साथ ही सैन्य विभाग के वेतन के लिए भी उत्तरदायी था।
- सर जदुनाथ सरकार ने मीर बख्शी को वेतनाधिकारी (Pay Master) कहा है। किंतु वेतनाधिकारी का कार्य मीर बख्शी का नियमित एवं स्थायी कार्य नहीं था।
- वेतनाधिकारी का कार्य दीवान - ए - तन करता था।
मुगल प्रशासनिक शब्दावली में माल प्रतिनिधित्व करता है - भू-राजस्व का U.P. Lower Sub.(Pre) 2009
- मुगल प्रशासनिक शब्दावली में माल शब्द भू-राजस्व से संबंधित था।
मध्यकालीन भारत में मनसबदारी प्रथा खासतौर पर इसलिए चालू की गई थी, ताकि - साफ - सुथरा प्रशासन लागू हो सके
- मनसबदारी व्यवस्था एक विशिष्ट प्रशासनिक व्यवस्था थी जिसका प्रचलन मुगल शासक अकबर द्वारा किया गया था।
- संभवतः दशमलव प्रणाली पर आधारित मंगोलों की सैन्य व्यवस्था ही जिसकी कुछ छाप दिल्ली सल्तनत के सैन्य संगठन पर दिखाई पड़ती है, मुगलों की सैन्य व्यवस्था का आधार रही होगी।
मुगल प्रशासन में मुहतसिब था - लोक आचरण अधिकारी B.P.S.C. (Pre) 2005
- मुगल प्रशासन में मुहतसिब जन आचरण के निरीक्षण विभाग का प्रधान था।
- उसका कार्य सार्वजनिक आचरण को उच्च बनाए रखना था।
- आचरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए अकबर ने नगरों में मदिरा की बिक्री तथा वेश्याओं का निवास निषिद्ध घोषित कर दिया था।
- वेश्याओं को नगर से निष्कासित कर एक नए स्थान पर बसाया गया और उसका नाम शैतानपुरी रखा गया।
राजाओं में से किसने रामसीता की आकृतियों और रामसीय देवनागरी लेख से युक्त कुछ सिक्के चलाए - अकबर U.P.P.C.S. (Mains) 2011
मुगल सम्राट जिसने तंबाकू के प्रयोग पर निषेध लगाया था - जहाँगीर U.P.P.C.S. (Mains) 2005/P.C.S. (Pre) 2013
- पुर्तगालियों द्वारा 1605 ई. में तंबाकू भारत लाया गया, इसके बाद ही तंबाकू भारत के जनसामान्य में बहुत लोकप्रिय हो गया।
- कुछ ही वर्षों में तंबाकू पीने की आदत लोगों में इतनी अधिक प्रचलित हो गई कि इस नुकसानदेह आदत से बचने के लिए 1617 ई. में जहांगीर को निषेध जारी करना पड़ा।
चित्रकला की मुगल शैली का प्रारंभ किया था - हुमायूं ने I.A.S. (Pre) 1995
- चित्रकला के क्षेत्र में मुगल शैली का प्रारंभ हुमायूं ने किया था।
- मुगल चित्रकला की नींव हुमायूं के शासनकाल में ही पड़ी।
जहांगीर ने मुख्यतया किस कला को संरक्षण दिया था - चित्रकला U.P.P.C.S. (Pre) 2016
पहाड़ी स्कूल, राजपूत स्कूल, मुगल स्कूल और कांगड़ा स्कूल किस कला की विभिन्न शैलियों को दर्शित करते है - चित्रकला U.P.P.C.S. (Pre) 1994
- पहाड़ी स्कूल. राजपूत स्कूल, मुगल स्कूल और कांगड़ा स्कूल मध्यकालीन चित्रकला की विभिन्न शैलियां है।
- उत्तर - पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के विभिन्न पहाड़ी राज्यों में की जाने वाली चित्रकारी को सामान्यतः पहाड़ी चित्रकला कहते है। इसमें वर्तमान हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा उत्तराखंड का टेहरी गढ़वाल क्षेत्र आते है।
कौन सा एक संगीत वाद्य बजाने में औरंगजेब की दक्षता थी - वीणा U.P.P.C.S. (Mains) 2007/U.P.P.C.S. (Pre) 2010
- औरंगजेब ने संगीत को इस्लाम विरोधी मानकर उस पर पाबंदी लगा दी लेकिन उसी के काल में फारसी भाषा में भारतीय शास्त्रीय संगीत पर सर्वाधिक पुस्तकें लिखी गई।
- औरंगजेब संगीत विरोधी होने के बावजूद स्वयं एक कुशल वीणावादक था।
प्रातः काल में गाया जाने वाला राग है - तोड़ी I.A.S. (Pre) 2000
- तोड़ी राग प्रातः कालीन गाया जाने वाला राग है। यह राजदरबारों में भाटों एवं चारणों द्वारा गाया जाता था।
तानसेन, बैजू बावरा और गोपाल नायक जैसे संगीतज्ञों ने स्वामी हरिदास से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। स्वामी हरिदास के अनुयायियों ने कितने संगीत अर्चना केंद्र स्थापित किए है - 5 U.P.P.C.S. (Pre) 2009
- हरिदास संप्रदाय के संगीत अर्चना केंद्रों की संख्या 5 थी।
- वे केंद्र क्रमशः थे -
- (1) बांके बिहारी का मंदिर
- (2) निधि वन
- (3) गोरे लाल का मंदिर
- (4) श्री रसिक बिहारी
- (5) थट्टी खान
अकबर के शासनकाल में ध्रुपद गायकों में सम्मिलित थे - तानसेन, हरिदास U.P.P.C.S. (GIC) 2010
- अकबर के शासनकाल के दौरान तानसेन और स्वामी हरिदास प्रमुख ध्रुपद गायक थे।
प्रसिद्ध तानसेन का मकबरा स्थित है - ग्वालियर में U.P.P.C.S. (Pre) 1999/M.P.P.C.S. (Pre) 1991/M.P.P.C.S. (Pre) 2010
- तानसेन अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतज्ञ था।
- वह अकबर के नवरत्नों में से एक था।
- अकबर के दरबार में आने से पहले तानसेना रीवा के राजा रामचंद्र के दरबार में था जहाँ से अकबर ने उसे अपने दरबार में बुलवाया और बहुत उच्च स्थान प्रदान किया।
- अकबर ने तानसेन को कंठाभरणवाणीविलास की उपाधि प्रदान की थी।
- तानसेन उस समय का सबसे अच्छा गायक माना जाता था।
- अबुल फजल के अनुसार - उसके समान भारतवर्ष में उससे पहले एक हजार वर्ष तक कोई भी अच्छा गायक नहीं हुआ।
- उसने राजा मानसिंह द्वारा स्थापित ग्वालियर स्कूल में शिक्षा प्राप्त की थी।
- उसका मकबरा ग्वालियर में स्थित है।
- तानसेन का मूल नाम रामतनु पांडेय था।
किस मुगल शासक ने लाला कलावंत से हिंदू संगीत की शिक्षा ली - अकबर U.P.P.C.S. (Pre) 2016
- मुगल शासक अकबर नगाड़ा बजाने में प्रवीण था।
- इसने लाला कलावंत से हिंदू संगीत की शिक्षा ली।
किशनगढ़ शैली किस कला के लिए प्रसिद्ध है - चित्रकला P.C.S. (Pre) 2014
- राजस्थान की प्रसिद्ध शैली किशनगढ़ शैली चित्रकला से संबंधित है।
- यह शैली अपनी श्रृंगारिक चित्रों के लिए संपूर्ण भारत में जानी जाती है।
- किशनगढ़ के राजा सामंत सिंह श्रृंगार प्रिय व अच्छे साहित्यकार थे, जो नागरीदास के नाम से प्रसिद्ध हुए।
- इनकी प्रेमिका बनी - ठनी राधा का सौन्दर्य इनके काव्य पर आधारित है।
- इस शैली के प्रमुख कलाकार अमीरचंद, छोटू, भवानीदास, निहालचंद, सीताराम आदि है।
- बनी - ठनी का प्रसिद्ध चित्र निहालचंद ने बनाया था, जो किशनगढ़ शैली में है।
गुलबदन बेगम पुत्री थी - बाबर की U.P.P.C.S. (Pre) 2004/U.P. Lower Sub. (Pre) 2004
- गुलबदन बेगम बाबर की पुत्री थी।
- उसका जन्म 1523 ई. में तथा मृत्यु 1603 ई. में हुई थी।
- उसने अपनी प्रसिद्ध रचना हुमायूंनामा में ऐतिहासिक विवरण लिखे।
- अकबर उसका बहुत सम्मान करता था।
- गुलबदन बेगम ने स्वयं लिखा है कि उसने अकबर के आदेश पर बाबर और हुमायूं का इतिहास अपनी स्मृति से लिखा था।
- गुलबदन बेगम ने अपनी इस रचना में हुमायूं और कामरान के मध्य युद्ध का वर्णन भी किया है।
मुगलकाल में किस महिला ने ऐतिहासिक विवरण लिखे - गुलबदन बेगम I.A.S. (Pre) 1994/U.P.P.C.S. (Pre) 1998
हुमायूनांमा की रचना किसने की थी - गुलबदन बेगम B.P.S.C. (Pre) 1997/U.P.P.C.S. (Pre) 2004/P.C.S.(Pre) 2010/U.P.P.C.S. (Mains) 2002
किस एक ने महत्वपूर्ण कृत्तियां रामचंद्रिका एवं रसिकप्रिया की रचना की थी - केशव U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008
- रामचंद्रिका एवं रसिकप्रिया हिंदी कविता के रीतिकालीन कवि केशवदास (1555 - 1617) की रचनाएं है।
दिल्ली का वह शिक्षा केंद्र जो मदरसा - ए - बेगम कहलाता था, किसके द्वारा स्थापित किया गया था - माहम अनगा U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- माहम अनगा ने दिल्ली के पुराने किले में खैरुल मनजिल अथवा खैर - उल - मनजिल नामक मदरसे की स्थापना कराई थी जिसे मदरसा - ए - बेगम भी कहा जाता था।
किसने हितोपदेश का फारसी में अनुवाद किया था - ताजुल माली U.P.P.C.S. (Mains) 2013
- अकबर के शासनकाल में हितोपदेश का फारसी भाषा में अनुवाद मुफर्रीह - उल - कुलूब के नाम से ताजुल माली द्वारा किया गया था।
भारत के इतिहास के संदर्भ में अब्दुल हमीद लाहौरी कौन थे - शाहजहाँ के शासन का एक राजकीय इतिहासकार I.A.S. (Pre) 2006
- अब्दुल हमीद लाहौरी शाहजहां के शासनकाल का एक राजकीय इतिहासकार था।
- उसने अपनी पुस्तक पादशाह नामा में शाहजहां कालीन इतिहास का वर्णन किया है।
- शाहजहां के दरबार में वह यात्री के रुप में आये थे।
शाहजहांनामा के लेखक कौन है - इनायत खां P.C.S. (Pre) 2015
- शाहजहांनामा पुस्तक के लेखक मुहम्मद ताहिर है, जिसे इनायत खां के नाम से भी जाना जाता है।
अनवार - ए - सुहाइली नामक ग्रंथ किसका अनुवाद है - पंचतंत्र U.P.P.C.S. (Pre) 1999
- अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में अनुवाद - विभाग की स्थापना की थी।
- इसी के शासनकाल में अबुल फजल ने संस्कृत ग्रंथ पंचतंत्र का फारसी में अनुवाद कर उसका नाम अनवार - ए - सुहाइली रखा।
अबुल फजल द्वारा अकबरनामा पूरा किया गया था - सात वर्षो में U.P.P.C.S. (Pre) 2014
- अकबरनामा अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फजल द्वारा वर्ष 1590 से 1596 ई. के बीच उसके शासन काल के अधिकारिक वृत्तांत के रुप में लिखा गया था।
- कुछ पुस्तकों में अकबरनामा पूर्ण करने का वर्ष 7 से अधिक भी (12 या 13 वर्ष) बताया गया है।
मुगलकाल में दरबारी भाषा थी - फारसी U.P.P.C.S. (Mains) 2012
- मुगलकाल में दरबारी भाषा फारसी थी।
- अकबर द्वारा स्थापित अनुवाद विभाग में संस्कृत, अरबी, तुर्की एवं ग्रीक भाषाओं की अनेक कृतियों का अनुवाद फारसी भाषा में किया गया।
नस्तालीक है - एक प्रकार की फारसी लिपि जो मध्यकालीन भारत में प्रयुक्त होती थी I.A.S. (Pre) 1996
- नस्तालीक एक फारसी लिपि है, जो मध्यकालीन भारत में प्रयुक्त होती थी।
- मुगल बादशाह औरंगजेब नस्तालीक तथा शिकस्त लिखने में निपुण था।
कवि हृदय राजा जिसने नागरीदास के नाम से कृष्ण की प्रशंसा में छंद लिखे - राजा सावंत सिंह थे U.P.P.C.S. (Mains) 2004/U.P.P.S.C (GIC) 2010
- अजमेर की किशनगढ़ रियासत के राजा सावंत सिंह का वैष्णव उपनाम नागरीदास (राधा का सेवक) था।
- इन्होंने ही कृष्ण की प्रशंसा में अनेक छंद लिखे।
- किशनगढ़ के शासकों ने निम्बार्क संप्रदाय को संरक्षण प्रदान किया था।
- नागरीदास का जन्म लगभग 1699 ई. तथा मृत्यु 1764 ई. में हुई।
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