रोलेट एक्ट एवं जलियावाला बाग हत्याकांड

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रौलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, रौलेट एक्ट ने किस कारण से सार्वजनिक रोष उत्पन्न किया - इसने लोगो को बिना मुकदमा चलाए जेल भेजने के लिए अधिकृत किया        I.A.S. (Pre) 2009

  • भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने 1917 में न्यायधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक प्रभावी योजना का निर्माण करना था।
  • इसके सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया।
  • रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी, इसलिए इस कानून को बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील का कानून कहा गया।

रौलेट एक्ट के विरोध में किसने लगान न देने का आंदोलन चलाने का सुझाव दिया था - स्वामी श्रद्धानंद        U.P.P.C.S. (Mains) 2008

  • रौलेट एक्ट को बिना वकील, बिना अपील, बिना दलील का कानून या काला कानून कहा जाता है।
  • इसके तहत ब्रिटिश सरकार किसी भी व्यक्ति पर बिना किसी कारण बताए गिरफ्तार कर सकती थी।
  • इसके विरोध में स्वामी श्रद्धानंद ने लगान न देने का आंदोलन चलाने का सुझाव दिया था।

रौलेट एक्ट भारत में लागू किया गया था - सन् 1919 में        U.P.P.C.S. (Pre) 1993/B.P.S.C (Pre) 2008

  • रौलेट एक्ट एक काला कानून था जिसमें किसी भी व्यक्ति को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था।
  • रौलेट अधिनियम, सेडिशन कमेटी की सिफारिश पर आधारित था।
  • इसका गठन भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों को दबाने के लिए किया गया था।
  • 1919 ई. में जब गांधीजी ने रौलेट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह की अपील की तो वे सभी लोग इसमें शामिल हो गए, जिन्हें होमरुल आंदोलन ने राजनीतिक रुप से जागरुक बनाया था।
  • साइमन आयोग भारत में 3 जनवरी, 1928 को पहुँचा जिसके विरोध में सभी प्रमुख नगरों तथा कस्बों में हड़ताल रही तथा साइमन वापस जाओं के नारे से इसका स्वागत हुआ।

जब रौलेट एक्ट पारित हुआ था, उस समय भारत का वायसराय कौन था - लॉर्ड चेम्सफोर्ड        I.A.S. (Pre) 2008

  • लॉर्ड चेम्सफोर्ड 1916 से 1921 के मध्य भारत के वायसराय रहें।
  • इन्हीं के कार्यकाल में 1919 में रौलेट एक्ट पारित हुआ था।

द अनार्किकल एंड रिवोल्यूशनरी क्राइम एक्ट 1919 को सामान्य बोलचाल में कहा जाता था - रौलेट एक्ट        I.A.S. (Pre) 1996

  • द अनार्किकल एंड रिवोल्यूशनरी क्राइम एक्ट 1919 को सामान्य बोल चाल में रौलेट एक्ट कहा जाता था।
  •  यह एक्ट न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में गठित समिति के सुझावों के आधार पर पारित किया गया था।

अखिल भारतीय राजनीति में गांधी का पहला साहसिक कदम था - रौलेट सत्याग्रह        I.A.S. (Pre) 1999        

  • अखिल भारतीय राजनीति में गांधी का पहला साहसिक कदम रौलेट एक्ट के विरुद्ध 1919 में प्रारंभ सत्याग्रह था।
  • गांधीजी ने रौलेट सत्याग्रह के लिए तीन राजनीतिक मंचों का उपयोग किया था - होमरुल लीग, खिलाफत एवं सत्याग्रह सभा।

कौन - सी महत्वपूर्ण घटना जलियावाला बाग नरसंहार के तुरंत पूर्व घटी थी - रौलेट एक्ट का बनना        U.P.P.C.S. (Mains) 2012

  • रौलेट एक्ट मार्च, 1919 में लागू किया गया था जिसके विरुद्ध गांधीजी ने 6 अप्रैल, 1919 को देशव्यापी हड़ताल का आयोजन कराया था।
  • जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को शांतिपूर्ण जनसभा में जनरल डायर ने नृशंस नरसंहार कराया था।
  • असहयोग आंदोलन 1920, सांप्रदायिक अवॉर्ड 1932 तथा साइमन कमीशन का भारत आना 1928 की घटनाएं हैं।

जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ - 13 अप्रैल, 1919        U.P.P.C.S. (Pre) 1993/B.P.S.C. (Pre) 2003        

  • पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ. सैफुद्दीन किचलू और डॉ. सत्यपाल की गिरफ्तारी और ब्रिटिश दमन का विरोध करने के लिए 13 अप्रैल, 1919 को वैशाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सार्वजनिक सभा बुलाई गई थी, जहां जनरल रेगिनैल्ड एडवर्ड हैरी डायर (R.E.H. DYER) ने निहत्थी शांतिपूर्ण भीड़ पर गोलियां चलावाकर लगभग 1000 लोगों की हत्या कराई।

30 मई, 1919 को अपना अलंकरण (Honour) भारत सरकार को लौटाने वाले व्यक्ति थे - रबींद्रनाथ टैगोर        U.P.P.C.S. (Mains) 2001/U.P. Lower Sub. (Pre) 2004

  • 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार की हृदय - विदारक घटना के बाद रबींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई नाइट की उपाधि लौटा दी।
  • टैगोर ने कहा - समय आ गया है जब सम्मान के तमगे अपमान के बेतुके संदर्भ में हमारे कलंक को सुस्पष्ट कर देते है, जहां तक मेरा प्रश्न है, मै सभी विशेष उपाधियों से रहित होकर अपने देशवासियों के साथ खड़ा होना चाहता हूँ।

जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वायसराय की कार्यकारिणी परिषद की सदस्यता से किसने इस्तीफा दे दिया - शंकरन नायर        I.A.S. (Pre) 2004

  • जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में शंकरन नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था।
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल, 1919 को हुआ था।
  • इसी हत्याकांड के विरोध में रबींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई नाइट या सर की उपाधि लौटा दी।

हंटर आयोग की नियुक्ति की गई थी - जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद        I.A.S. (Pre) 2001

  • जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919 ई.) की जांच हेतु ब्रिटिश सरकार ने हंटर कमीशन का गठन किया था।
  • कमीशन ने मार्च, 1920 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें इस दुर्घटना के लिए सरकार को दोषी नहीं बताया गया।
  • कहा गया कि उपद्रव क्रांति का रुप ग्रहण कर लेते हैं।
  • इसलिए मार्शल लॉ अनिवार्य था तथा भीड़ की अधिकता को देखते हुए गोली चलाना पूर्णतः न्यायोचित था।
  • साथ ही हंटर कमीशन ने डायर के इस कार्य को केवल निर्णय लेने की भूल बताया।
  • जनरल डायर को उसके अपराध के लिए नौकरी से हटना पड़ा लेकिन ब्रितानी अखबारों ने उसे ब्रिटिश साम्राज्य का रक्षक एवं ब्रितानी लॉर्ड सभा ने उसे ब्रिटिश साम्राज्य का शेर कहा।
  • सरकार ने उसकी सेवाओं के लिए उसे मान की तलवार की उपाधि दी।

जलियांवाला बाग नरंसहार पर कांग्रेस जांच समिति की रिपोर्ट के प्रारुप लिखने का कार्य सौपा गया था - महात्मा गांधी को        U.P.P.C.S. (Pre) 2014

  • जलियांवाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल, 1919) पर कांग्रेस जांच समिति की रिपोर्ट के प्रारुप को लिखने का कार्य महात्मा गांधी को सौपा गया था।

जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए जिम्मेदार ओ डायर को किसने मार डाला - ऊधम सिंह        U.P.P.C.S. (Pre) 1994/B.P.S.C. (Pre) 2001

  • मार्च, 1940 में पंजाब के क्रांतिकारी नेता ऊधम सिंह ने जलियावाला बाग के नरसंहार का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड के समय पंजाब के गवर्नर रहे सर माइकल ओ डायर की लंदन में हत्या कर दी थी, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मृत्युदंड दे दिया गया।

ऊधम सिंह ने लंदन में मारा - सर माइकल ओ डायर        P.C.S. (Mains) 2006

1919 में जघन्य जलियांवाला बाग कांड के समय भारत का वायसराय कौन था - लॉर्ड चेम्सफोर्ड        U.P.P.C.S. (Pre) 1990

  • 13 अप्रैल, 1919 को वैशाखी के दिन अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
  • इस समय भारत का वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916 - 21) था।
  • इसी के समय में रौलेट एक्ट (1919) पास हुआ तथा भारत सरकार अधिनियम, 1919 या मॉण्टेग्यू - चेम्सफोर्ड सुधार लाया गया।

रौलेट एक्ट लाने का क्या प्रयोजन था - राष्ट्रीय एवं क्रांतिकारी गतिविधियों पर रोक लगाना        P.C.S. (Pre) 2013

किसके कारण सार्वजनिक रोष की लहर उभरी जिसके फलस्वरुप जलियांवाला बाग में ब्रिटिश द्वारा जनसंहार की घटना घटी - दि रौलेट एक्ट        I.A.S. (Pre) 2007

  • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में लागू सुरक्षा अधिनियम की अवधि समाप्त होने वाली थी।
  • अतः न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में गठित समिति के सुझावों पर दो प्रस्ताव लेजिस्लेटिव काउंसिल में प्रस्तुत किए गए।
  • इन प्रस्तावों में भारत में देशद्रोही कार्यों में संलिप्त संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी तथा इस प्रकार के कार्यों के लिए किसी व्यक्ति की बगैर कारण बताए गिरफ्तारी का प्रावधान था।
  • इन प्रस्तावों को दि रौलेट एक्ट के नाम से मार्च, 1919 में लेजिस्लेटिव काउंसिल ने पास कर दिया।
  • इस अधिनियम का भारतीयों ने पुरजोर विरोध किया तथा सार्वजनिक रोष की लहर उमड़ पड़ी।
  • इस अधिनियम के विरोधी पंजाब के दो नेताओं सत्यपाल तथा किचलू की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को सभा आयोजित की गई।
  • जब कुछ लोग सभा को संबोधित कर रहे थे तभी जनरल डायर के निर्देश पर निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गई।
  • इस निर्मम घटना को इतिहास में जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना जाता है।

जनरल डायर का नाम किस घटना से जुड़ा हुआ है - जलियांवाला बाग        M.P.P.C.S. (Pre) 1993

घटनाओं में से किस एक को मांटेग्यू ने निवारक हत्या के नाम से विशेषीकृत किया है - जलियांवाला बाग का नरसंहार        U.P.P.C.S. (Pre) 1998

  • 13 अप्रैल, 1919 को घटित जलियांवाला बाग नरसंहार को मांटेग्यू ने निवारक हत्या की संज्ञा दी।
  • दीनबंधु सी.एफ.एन्ड्रूज ने इस हत्याकांड को जान - बूझ कर की गई क्रूर हत्या कहा था।

रौलेट एक्ट किस वायसराय के काल में पारित हुआ था - लॉर्ड चेम्सफोर्ड        U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014

रौलेट एक्ट का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने विरोध किया, क्योंकि इसका लक्ष्य था - वैयक्तिक स्वतंत्रता को सीमित करना        B.P.S.C. (Pre) 1996

  • मार्च, 1919 में केन्द्रीय विधान परिषद से पास हुआ विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया, जिसके अनुसार अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे, जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी।
  • इस कानून द्वारा वैयक्तिक स्वतंत्रता को सीमित किया गया था।

वर्ष 1919 भारतीय इतिहास से संबंधित है - जलियांवाला बाग त्रासदी से         B.P.S.C. (Pre) 1992       

जलियांवाला बाग कत्लेआम किस शहर में हुआ - अमृतसर        P.C.S. (Pre) 2010

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रोलेट एक्ट एवं जलियावाला बाग हत्याकांड - 01
  • Question 20
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  • language Hin & Eng.
रोलेट एक्ट एवं जलियावाला बाग हत्याकांड - 02
  • Question 20
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  • language Hin & Eng.
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