धारा 448
धारा 449
धारा 450
धारा 451
धारा 442:- गृह अतिचार
अगर कोई व्यक्ति वह स्वयं या दोस्तों के साथ मिल कर निम्न कृत्य करता है वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा:-
किसी भी व्यक्ति के घर में जबरदस्ती घुसना और मारपीट करना या अतिचार करना।
स्कूल, कॉलेज या शासकीय प्रतीक्षालय में घुसकर उत्पात या अतिचार मचाना।
बिना अनुमति के किसी के घर में या मकान के छत पर जाने मात्र से भी अपराध घटित हो जाता है।
सजा:- धारा 442 में घटित अपराध की सजा का प्रावधान आईपीसी की धारा 448 में दिया गया है।
(1 वर्ष का कारावास या 1000 रुपये या दोनों)
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 449, 450, 451 की परिभाषाएं:-
(1). धारा 449 – मृत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह अतिचार -
अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध को करने के उद्देश्य से किसी के घर में घुसता जिस अपराध की सजा मृत्यु से दण्डनीय है। वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत अपराधी होगा। जैसे- हत्या आदि
(2). धारा 450 – आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह अतिचार -
अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध को करने के उद्देश्य से घर में घुसता हैं। उस अपराध की सजा आजीवन कारावास है। तब वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दण्डिनीय होगा।
जैसे- रेप, सामुहिक दुष्कर्म आदि।
(3). धारा 451 – कारावास से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह अतिचार -
अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए घर में घुसता हैं, जिस अपराध की सजा कारावास से है। तब वह व्यक्ति इस धारा धारा के अंतर्गत दण्डिनीय होगा।
जैसे- चोरी, लूटपाट आदि।
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