प्रच्छन्न गृह-अतिचार
गृह अतिचार
आपराधिक अतिचार
गृह – भेदन
धारा 443 आईपीसी:- प्रच्छन्न गृह-अतिचार –
भारतीय दंड संहिता की धारा 443 के अनुसार, जो कोई यह पूर्वावधानी बरतने के पश्चात् गृह-अतिचार करता है कि ऐसे गृह-अतिचार को किसी ऐसे व्यक्ति से छिपाया जाए, जिसे उस निर्माण, तम्बू या जलयान में से, जो अतिचार का विषय है, अतिचारी को अपवर्जित करने या बाहर कर देने का अधिकार है, वह प्रच्छन्न गृह-अतिचार करता है, यह कहा जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि कोई व्यक्ति रात के समय चोरी से किसी भी व्यक्ति के घर में घुस जाते हैं और कुछ अनिमितताएं फैलाएं या अनुचित कार्य करने लगे तो यह भी एक दण्डिनीय अपराध होगा।
हम आपको बता दें कि पिछले लेख में आपको हमने बताया था कि किसी भी व्यक्ति के मकान में जबरदस्ती घुसना भी अपराध है। उसी प्रकार इस धारा का उद्देश्य भी वही है कि रात्रि के समय में किसी भी व्यक्ति के घर में जबरदस्ती या चोरी- छिपे घुसाना मात्र भी अपराध होता है।
धारा 442:- गृह अतिचार
धारा 441:- आपराधिक अतिचार
धारा 445 आईपीसी – गृह – भेदन
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