धारा 445
धारा 444
धारा 443
धारा 442
धारा 445 आईपीसी – गृह – भेदन :-
जो व्यक्ति गृह अतिचार करता है, वह ‘गृह-भेदन’ करता है, यह कहा जाता है। यदि वह उसके किसी भाग में निम्नलिखित छह तरीको में से किसी तरीके से प्रवेश करता है तो यह गृह भेदन कहलाता है।
1. यदि वह ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है, जो स्वयं उसने या उस गृह-अतिचार के किसी दुष्प्रेरक ने वह गृह-अतिचार करने के लिए बनाया है।
2. यदि वह किसी ऐसे रास्ते से, जो उससे या उस अपराध के दुष्प्रेरक से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा मानव प्रवेश के लिए आशयित नहीं है, या किसी ऐसे रास्ते से, जिस तक कि वह किसी दीवार या निर्माण पर सीढ़ी द्वारा या अन्यथा चढ़कर पहुंचा है, प्रवेश करता है या बाहर निकलता है।
3. यदि वह किसी ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जिसको उसने या उस गृह-अतिचार के किसी दुष्प्रेरक ने गृह-अतिचार करने के लिए किसी ऐसे साधन द्वारा खोला है, जिसके द्वारा उस रास्ते का खोला जाना उस गृह के अधिभोगी द्वारा आशयित नहीं था।
4. यदि उस गृह-अतिचार को करने के लिए, या गृह-अतिचार के पश्चात् उस गृह से निकल जाने के लिए वह किसी ताले को खोलकर प्रवेश करता या बाहर निकलता है।
5. यदि वह आपराधिक बल के प्रयोग या हमले या किसी व्यक्ति पर हमला करने की धमकी द्वारा अपना प्रवेश करता है या प्रस्थान करता है।
6. यदि वह किसी ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जिसके बारे में वह जानता है कि वह ऐसे प्रवेश या प्रस्थान को रोकने के लिए बंद किया हुआ है और अपने द्वारा या उस गृह-अतिचार के दुष्प्रेरक द्वारा खोला गया है।
सजा- इस अपराध के लिए अगर वो लोकसेवक है तो अन्य धारा की सजा के साथ 2 वर्ष की कारावास से दाण्डित किया जा सकता है।
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