महात्मा गाँधी
सरदार वल्लभ भाई पटेल
डॉ. भीम राव अम्बेडकर
इनमें से कोई नहीं
1942 ई. में आए क्रिप्स प्रस्ताव ने इस बात को स्वीकार किया कि संविधान सभा का निर्माण भारतीय सदस्यों द्वारा होगा लेकिन यह सभा का निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद होगा। तब महात्मा गाँधी ने कहा यह एक पोस्ट डेटेड चेक की तरह है।
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