ताड़न जात व्यंजन कहा जाता है -

  • 1

    जिन वर्णों का उच्चारण कण्ठ्य के नीचे काकल स्थान होता है।

  • 2

    उच्चारण करते समय नीचे का ओष्ठ्य ऊपर वाले दाँत को स्पर्श करता है।

  • 3

    उच्चारण में कुछ घर्षण के साथ वायु बाहर निकलती है।

  • 4

    उच्चारण करते समय जीभ ऊलट कर वायु को फेकती है।

Answer:- 4
Explanation:-

उत्क्षिप्त व्यंजन – जिन व्यंजन वर्णों का उच्चारण करते समय जीभ उलटकर वायु को बाहर फेंकती है, वे ‘उत्क्षिप्त’ या ‘द्विस्पृष्ट’ ‘द्विगुण’ या ‘ताड़नजात्’ व्यंजन कहलाते हैं।
उदा. – ड़, ढ़

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