भारतीय दण्ड संहिता की धारा 508 संबंधित है -

  • 1

    लोक रिष्टिकारक वक्तव्य

  • 2

    आपराधिक अभित्रास के लिए दण्ड

  • 3

    अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास

  • 4

    दैवी अप्रसाद का भाजन कार्य

Answer:- 4
Explanation:-

धारा 505 » लोक रिष्टिकारक वक्तव्य
धारा 506 » आपराधिक अभित्रास के लिए दण्ड
धारा 507 » अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास
धारा 508 » दैवी अप्रसाद का भाजन कार्य धारा 508 आईपीसी » व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा कराया गया कार्य
अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से यह कहकर कोई काम करने को कहता है, कि अगर उस व्यक्ति ने वह काम नही किया तो दैवी अप्रसाद का भाजन हो जाऐगया। या उसके साथ कुछ अनर्थ हो जाऐगा। जबकि वह काम वैध नही हैं तो ऐसे में काम करवाने वाला व्यक्ति अपराधी माना जाऐगा और धारा 508 के तहत उसके लिये सजा का प्रावधान किया जाऐगा।
अपराध करने वाले व्यक्ति को 1 साल का कारावास या जुमार्ना या दोनों से दंडित किया जाएगा। यह एक जमानती व गैर संज्ञेय अपराध है। व किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचरणीय हैं।

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