कवि के उपनाम में
किसी लेखक की रचना में
वाक्य में जब किसी शब्द पर विशेष बल दिया जाता है
उपर्युक्त सभी में
उद्धरण चिह्न / अवतरण चिह्न (‘ ’, “ ”) (Quotation Mark) → उद्धरण चिह्न दो प्रकार के होते हैं – इकहरा एवं दुहरा।
(क) इकहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग निम्न स्थितियों में होता है –
(i) कवि के उपनाम में –
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(ii) किसी लेखक की रचना में –
जयशंकर प्रसाद ने ‘कामायनी’ की रचना की।
(iii) वाक्य में जब किसी शब्द पर विशेष बल दिया जाता है।
योग दर्शन के प्रवर्तक ‘पतंजलि’ थे।
(ख) दुहरे अवतरण चिह्न का प्रयोग निम्न स्थिति में होता है –
किसी कवि, लेखक या विचारक के कथन को जब ज्यों-का-त्यों उद्घृत किया जाता है तो उसे दुहरे उद्धरण चिह्न में बंद कर दिया जाता है।
उदाहरण → महात्मा गांधी ने कहा –
“करो या मरो।”
तुलसीदास ने कहा –
“सिया राममय सब जग जानी, करऊं प्रणाम जोरि जुग पानि।”
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