भारतीय दंड संहिता की धारा 293 में
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 में
(1) और (2) दोनों में
उपर्युक्त में से कोई नहीं
धारा 67 » अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक रुप से प्रकाशन या पारेषण करने के लिए दण्ड →
जो कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक रुप से ऐसी सामग्री को प्रकाशित या भेजता है जो कामोत्तेजक है या जो कामुकता की अपील करता है, उसे –
I. प्रथम दोषसिद्धि → प्रथम दोषसिद्धि पर सादा या सश्रम (कठिन) कारावास से जो 3 वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से जो रु. 5 लाख तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।
II. दूसरी या पश्चातवर्ती दोषसिद्धि की दशा → दूसरी या पश्चातवर्ती दोषसिद्धि की दशा में सादा या सश्रम कारावास जो 5 वर्ष की हो सकेगी और जुर्माने से रु. 10 लाख तक हो सकेगा, दण्डित किया जायेगा।
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