तथा + एव
तथ + एव
तथै + एव
त + थैव
तथैव का संधि विच्छेद ‘तथा + एव’ है। इसमें वृद्धि स्वर संधि है। इसके नियमानुसार यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘ए’ या ‘ऐ’ आए तो दोनों मिलकर ‘ऐ’ तथा ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘ओ’ या ‘औ’ आए तो दोनों मिलकर ‘औ’ हो जाते है। जैसे तत्र + ऐव = तत्रैव धर्म + ऐक्य = धर्मैक्य वन + ओषधि = वनौषधि
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