संगम युग में कण्णगी पूजा का प्रचलन था। कण्णगी आराध्य देवी थी - 

  • 1

    विद्वता 

  • 2

    सतीत्व

  • 3

    पराक्रम 

  • 4

    उपरोक्त सभी 

Answer:- 2
Explanation:-

फुहार (कावेरीपट्टन) नगर एक समृद्ध व्यापारी का पुत्र कोवलन एक अन्य व्यापारी की पुत्री कण्णिग से विवाह किया। कुछ समय तक दोनों सुख पूर्वक रहे 1 दिन कोवलन की भेंट राजदरबार में माधवी नामक नर्तकी से हुई जिसके प्रेम जाल में वह फंस गया और सारा धन व्यय कर दिया तथा अपनी पत्नी और घर को भूल गया फिर कुछ दिन बाद वह अपना घर पत्नी के पास आया पत्नी को पति पर सब धन व्यय करना ही सतीत्व है।

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