13 अप्रैल, 1920
13 अप्रैल, 1919
14 अप्रैल, 1920
19 अप्रैल, 1919
13 अप्रैल 1919 को बैशाख पूर्णिमा के दिन जलियाँवाला बाग नरसंहार घटित हुआ सभास्थल पर उपस्थित अंग्रेज अधिकारी लेफ्टीनेंट जनरल ओ डायर ने बिना कोई सूचना दिए ही 10 मिनट तक निहत्थे लोगो पर 1000 राउंड गोलियाँ चलवा दी जिसमें लगभग सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 379 लोग मारे गए और 1200 लोग घायल हुए। जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में रवीन्द्र नाथ टैगोर ने 'नाइट एवं सर' की उपाधि तथा शंकर नायर ने वायसराय के कार्यकारिणी परिषद के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। जलियाँवाला कांड की जाँच के लिए हण्टर कमीशन का गठन किया गया हण्टर कमीशन की रिपोर्ट को गाँधी जी ने पन्ने दर पन्ने निर्लज सरकारी लीपा-पोती की संज्ञा दी। 13 मार्च 1940 ई. को पंजाब के प्रसिद्ध क्रांतिकारी उधम सिंह ने जनरल ओ डायर की हत्या लंदन में गोली मार के कर दी।
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