1935 के भारत अधिनियम द्वारा प्रस्तावित फेडरल यूनियन में राजसी प्रांतो को शामिल करने के पीछे अंग्रेजों की असली मंशा थी - 

  • 1

    राष्ट्रवादी नेताओं के साम्राज्यवाद-विरोधी सिद्धांतो को व्यर्थ करने के लिए राजाओं का इस्तेमाल करना 

  • 2

    राजसी प्रांतो पर और अधिक प्रत्यक्ष राजनैतिक और प्रशासनिक नियंत्रण रखना 

  • 3

    अंग्रेजो द्वारा समस्त राजसी प्रांतो के संपूर्ण राजनैतिक और प्रशासनिक अधिग्रहण को अंततः प्रभावी बनाना 

  • 4

    उपनिवेश के प्रशासन में राजाओं को सक्रिय रुप से शामिल करना 

Answer:- 1
Explanation:-

1935 के भारत शासन अधिनियम द्वारा स्थापित फेडरल यूनियन में राजासी प्रांतों को शामिल करने के पीछे अंग्रेजों की असली मंशा राष्ट्रवादी नेताओं, साम्राज्यविरोधी सिद्धान्तों को व्यर्थ करने के लिए राजाओं का इस्तेमाल करना था। 1935 का भारत शासन अधिनियम सबसे बड़ा अधिनियम है इसमें 14 भाग 10 परिशिष्ट, 321 धारायें तथा 10 अनुसूचियाँ थी। यह विधेयक 2 अगस्त, 1935 ई. को पारित किया गया था।

Post your Comments

Your comments will be displayed only after manual approval.

Test
Classes
E-Book