वैयक्तिक सत्याग्रह
भारत छोड़ो आंदोलन
सविनय अवज्ञा आंदोलन
असहयोग आंदोलन
7 अगस्त 1942 ई. को बम्बई के ऐतिहासिक ग्वालियर टैंक मैदान में कांग्रस कार्यसमिति की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मौलान अबुल कलाम आजाद ने वर्धा प्रस्ताव की पुष्टि की। 8 अगस्त 1942 ई. को थोड़े बहुत संशोधन के साथ वर्धा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। 8 अगस्त को ही गाँधी जी ने करो या मरो का नारा दिया और कहा कि यह आंदोलन कांग्रेस की अन्तिम कोशिश होगी जिसमें भारतीय या तो स्वतंत्रता प्राप्त कर लेंगे या मर मिटेंगे। 9 अगस्त 1942 ई. को भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ करने की घोषणा कर गई। 9 अगस्त 1942 को ऑपरेशन जीरो आवर के तहत कांग्रेस के चोटी के सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
Post your Comments