वि + अव + हार
व्यव + हार
व्य + वहार
व्य + व + हार
वि + अव + हार = व्यवहार यहाँ पर इ + अ = य से व्यवहार बना है। जब हृस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ के बाद यदि कोई असवर्ण स्वर आता है तो इ / ई के स्थान पर ‘य्’, उ / ऊ के स्थाप पर ‘व्’ और ऋ के स्थान पर ‘र्’ हो जाता है। यहाँ अन्य विकल्प असंगत है।
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