समाजोपयोगी कार्यों के लिए
राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए
राष्ट्र की योजनाओं के संचालन के लिए
मानवमात्र के कल्याण के लिए
उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार, राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए चरित्र निर्माण परम आवश्यक है। जिस प्रकार वर्तमान में भौतिक निर्माण कार्य अनेक योजनाओं के माध्यम से तीव्र गति से
उत्पन्न हो रहा है वैसे ही वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि देश वासियों के चरित्र निर्माण के लिए प्रयत्न किया जाए।
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