निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए-
भारत ने स्वाधीनता प्राप्त करने के बाद अनेक क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। जब हम स्वतंत्र हुए तो उस समय हमारी स्थिति अच्छी न थी। सरकारी प्रयासों से काफी सुधार हुआ परंतु अभी भी एक क्षेत्र ऐसा है जिसमें हम अभी तक कुछ विशेष नहीं कर पाए हैं, वह क्षेत्र है- खेलों का। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि वर्षों से हम ओलंपिक में कोई भी स्वर्णपदक नहीं जीत पाए। दुनिया के छोटे-छोटे अविकसित, निर्धन राष्ट्रों के प्रतिभागी भी खेलकूद के क्षेत्र में हमसे आगे निकल गए हैं। कभी हॉकी का विशेष चैंपियन रहने वाला भारत आज इस खेल में अपनी प्रतिष्ठा खो चुका है। खेलों के गिरते स्तर के लिए कौन जिम्मेदार है? एक ओर सरकार की उदासीन दोषपूर्ण सरकारी नीतियाँ हैं तो दूसरी ओर विभिन्न खेल संघों की गुटबाजी, खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं एवं प्रशिक्षण का सर्वथा अभाव या कुछ और प्रतियोगिताओं में भाग लेकर खाली हाथ लौटने पर सभी एक दूसरे को दोषी बताते हैं। कारण चाहे जो भी हो इतना तय है कि खेलकूद को राष्ट्रीय सम्मान का पर्याय नहीं मानते। अभाव प्रतियोगिताओं का नहीं, अभाव है तो लगन का, प्रोत्साहन का, संकल्प का और मुंहतोड़ जवाब देने वाले जीवट का। गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है -

  • 1

    आपसी गुटबंदी

  • 2

    खेलों की गिरता स्तर

  • 3

    ओलंपिक पदक

  • 4

    राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ

Answer:- 2
Explanation:-

उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक- ‘खेलों का गिरता स्तर’ होगा।

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