अयादि
गुण
दीर्घ
यण्
धातूष्मा = धातु + ऊष्मा में दीर्घ स्वर संधि है। इसके नियमानुसार जब ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आये तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, ऊ बन जाते हैं। जैसे → लघु + ऊर्मि = लघूर्मि सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि साधु + ऊर्जा = साधूर्जा वधू + उत्सव = वधूत्सव
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