1892 के भारतीय परिषद अधिनियम
1909 के भारतीय परिषद अधिनियम
1919 के भारत सरकार अधिनियम
1935 के भारत शासन अधिनियम
1909 के अधिनियम को मॉर्ले मिंटो सुधार के नाम से जाना जाता है इसी अधिनियम के तहत पहली बार मुस्लमानों के लिए पृथक निर्वाचन प्रणाली की नींव पड़ी। इसी अधिनियम के तहत वार्षिक बजट से सम्बन्धित अनुपूरक प्रश्न पूछने का अधिकार दिया गया। इस अधिनियम के तहत भारतीयों को विधि निर्माण तथा प्रशासन दोनों में प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया। इस अधिनियम के तहत पहली बार भारत सचिव की परिषद तथा वायसराय के कार्यकाल में भारतीय सदस्यों की नियुक्ति की गई। 1909 के अधिनियम के तहत लार्ड सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा को गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी का प्रथम विधि सदस्य नियुक्त किया गया तथा भारत सचिव की परिषद में दो भारतीय के.सी. गुप्ता तथा सयद हसन बिलग्रामी को नियुक्त किया गया।
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