ध्रुवों पर
विषुवत रेखा पर
भू-केंन्द्र पर
सतह पर
गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र किसी पिण्ड के केंद्र से दूरी के व्युक्रमानुपाती होता है। अर्थात पिण्ड के केंद्र के समीप जाने पर गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र प्रबल हो जाता है और केंद्र से दूर जाने पर गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र क्षीण होता जाता है। ध्रुवों पर पृथ्वी गोलाकार न होकर चपटी है, इसीलिए यह क्षेत्र पृथ्वी के केंद्र के अधिक समीप है।
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