हरिषेण
कल्हण
कालिदास
इनमें से कोई नहीं
बाणभट्ट की कृति हर्षचरित एवं कल्हण कृत राजतरंगिणी में हर्ष के शासनकाल की सूचनाएँ मिलती है। ह्वेनसांग ने हर्ष को शिलादित्य कहा था। बाणभट्ट ने अपने समकालीन शासकों एवं उसके पूर्वजों के जीवनवृत्त का वर्णन किया है। हर्ष ने नागानन्द, रत्नावली एवं प्रियदर्शिका नामक नाटकों की रचना की।
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