ब्रह्म समाज
आत्मीय सभा
ब्रह्म सभा
तत्वबोधिनी सभा
हिंदू धर्म के एकेश्वरवादी मत का प्रचार करने के लिए 1814-15 ई. में राजा राममोहन राय ने अपने युवा समर्थकों के सहयोग से आत्मीय सभा की स्थापना की। 1828 ई. में उन्होंने ब्रह्म सभा के नाम से एक नई संस्था की स्थापना की जो आगे चलकर ब्रह्म समाज के नाम से प्रसिद्ध हुई।
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