फिरोजशाह बहमनी
हसनगंगू
अहमदशाह बहमनी
महमूद गवाँ
अहमदशाह ने वारंगल पर आक्रमण किया और उसके अधिकृत प्रदेशों को अपनी सल्तनत में मिला लिया। नवविजित प्रदेशों पर अपने शासन को सुदृढ़ करने के लिए वह राजधानी गुलबर्गा से बीदर ले गया। इसके पश्चात उसने मालवा, गोंडवाना तथा कोंकण की ओर ध्यान दिया। प्रसिद्ध सूफी संत गैसूदराज की संगति के कारण उसे वली या संत भी कहा जाता था।
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