अनुप्रास
यमक
श्लेष
रूपक
तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है में यमक अलंकार है यहाँ प्रथम तीन बेर का अर्थ समय से है और द्वितीय तीन बेर का अर्थ फल से है, जबकि जहाँ वाक्य में वर्णों की आवृत्ति हो अनुप्रास अलंकार होता है। जैसे - तरणि तनुजा तट तमाल तरूवर बाहु छाए में 'त' वर्ण कई बार आया है।
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