अनुप्रास
यमक
श्लेष
रूपक
वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे में यमक अलंकार है। यमक अलंकार मे एक ही शब्द दो-या दो से अधिक बार आता है और प्रत्येक बार उसके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं इस पंक्ति में भी मनुष्य शब्द दो बार प्रयोग हुआ है और प्रत्येक बार उसके अर्थ अलग-अलग है।
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