या अनुरागी चित की गति समुझहि नहिं
शीतल ज्वाला जलती हैं, ईंधन होता दृग जल का
स्याम और किमि कहौ बखानी
बिनु पद चलै सुनै बिनु काना।
दिये गये विकल्पों में से विकल्प (d) 'बिनु' पद चले सुनै बिनु काना विभावना अलंकार का उदाहरण है। जहाँ कारण के अभाव के कार्य की उत्पत्ति का वर्णन हो, वहाँ विभावना अलंकार होता है। उक्त पंक्ति में पैर और कान (कारण) के अभाव में चलने व सुनने की क्रिया संपादित हो रही है। शेष विकल्पों में अलंकार है-
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