खफी खाँ
शाइस्ता खाँ
दिलेर खाँ
मुबारिज खाँ
औरंगजेब ने 1600 ई. में शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति का दमन करने के लिए अपने मामा शाइस्ता खाँ को दक्कन का सूबेदार नियुक्त किया। 14 अप्रैल 1663 ई. को शिवाजी अपने 400 सैनिकों के साथ रात्रि में पूना दुर्ग के लाल किले महल में शाइस्ता खाँ के शयन कक्ष पर आक्रमण कर दिया जिसमें शाइस्ता खाँ घायल हो गया और उसका पुत्र मारा गया।
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