उपमेय का निषेध कर उपमान की स्थापना हो।
उपमेय में उपमान की कल्पना हो।
जब उपमेय पर उपमान का आरोप हो।
उपमेय व उपमान में समानता की स्थापना हो।
उपमेय में उपमान की संकल्पना हो तो 'उत्प्रेक्षा अलंकार' होता है। इसमें मनु, मानो, जनु, जानो शब्दो का प्रयोग होता है। उदाहरण - सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात। मानो नील मणि सैल पर, आतप परयो प्रभात।। जब उपमेय पर उपमान का आरोप हों, तो वहाँ रूपक अलंकार तथा जहाँ उपमेय व उपमान में समानता की स्थापना हो, वहाँ 'उपमा अलंकार' होता है।
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