व्यतिरेक
विभावना
संदेह
भ्रांतिमान
विभावना अलंकार - जहाँ बिना कारण के ही कार्य हो जाय वहाँ विभावना अलंकार होता है। उदाहरण - बिनु पग चले, सुने बिनु काना। कर बिनु कर्म, करै विधि नाना।। आनन रहति सकल रस भोगी। बिनु वाणी वक्ता बड़ जोगी।। नोट - उपर्युक्त पंक्ति में पैर बिना चलना, कान बिना सुनना और बिना हाथ के कार्य होना, इत्यादि कार्य बिना कारण ही सम्पादित हो रहे हैं। अत: यहाँ विभावना अलंकार है।
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