सन्देह अलंकार
अतिशयोक्ति अलंकार
अन्योक्ति अलंकार
विरोधाभास अलंकार
"जब से है आँख लगी तब से न आँख लगी" पंक्ति में 'विरोधाभास अलंकार' है। जहाँ विरोध के न होते हुए भी उसका आभास हो, वहाँ 'विरोधाभास अलंकार' होता है। उक्त पंक्ति में किसी प्रेमी का वर्णन है, जो कहता है कि जब प्रेम हो गया है तब से नींद नहीं आती।
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