अधजल गगरी पलटत जाए
आगे कुआँ पीछे खाई - हर तरफ हानि की आशंका
अपनी पगड़ी अपने हाथ - अपनी इज्जत स्वयं बचाना
ऊँची दुकान फीका पकवान - बाहर ढकोसला भीतर कुछ नहीं
दिए गए विकल्पों में से “अधजल गगरी पलटत जाए” मुहावरा अनुचित है, जिसका शुद्ध रूप है - ‘अधजल गगरी छलकत जाए’। इसका अर्थ है - थोड़ी विद्या, धन या बल होने पर इतराना।
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