सखी + आगमन
सखि + आगमन
सखी + गमन
सख्या + गमन
‘संख्यागमन’ का सही सन्धि - विच्छेद ‘सखी + आगमन’ है। इसमें ‘यण स्वर संधि’ है। इसके नियमानुसार यदि इ, ई, उ, ऊ, और ऋ के बाद भिन्न स्वर आये तो ‘इ’ और ‘ई’ का ‘य’, ‘उ’ और ‘ऊ’ का व तथा ‘ऋ’ का ‘र’ हो जाता है। जैसे - यदि + अपि = यद्यपि प्रति + एक = प्रत्येक प्रभु + एषणा = प्रभ्वेषणा
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