को
वेन्दन
मन्रम्
इरैयन
परामर्शदाताओं की सभा को ‘पंचवारक’ कहा जाता था। राजा शासन कार्य के संचालन में गुप्तचरो की भी सहायता लिया करता था। गुप्तचरों को ‘ओर्टर’ कहा जाता था। दंड व्यवस्था अत्यंत कठोर थी। राजा सबसे बड़ा न्यायाधीश होता था मानव दंड अर्थात राज्यसभा राज्य का सबसे बड़ा न्यायालय था तथा मन्रम् न्याय की सबसे छोटी इकाई थी।
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