लकड़ी का बर्तन अग्नि से जल सकता है
दुर्भाग्य की मार बार-बार नहीं होती
बुरे दिन हमेशा नहीं रहते
छल-कपट का व्यवहार हमेशा नहीं चलता
काँठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती का अर्थ है कि 'लकड़ी पर हम बार-बार मिट्टी का लेप नहीं लगा सकते' अर्थात किसी के साथ दिखाया या उससे चालकी दिखाते हुये व्यवहार करना एक-दो बार तो चलता परन्तु बार-बार आप नहीं छल कपट का व्यवहार कर सकते हैं।
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