कुरल
एलादि
इनिलै
परिपादल
‘तिरुक्कुरल’ नामक तमिल सुभाषित ग्रंथ के रचयिता तीरूवल्लूवर का जन्म कलयुग की 30 वीं अर्थात ईसा-पूर्वी प्रथम शताब्दी में हुआ था। वे बुनकर का व्यवसाय करते थे। ‘कुरल’ (तिरुक्कुरल) में उन्होंने संपूर्ण मानव जाति के जीवन का वर्णन किया है। इस ग्रंथ में धर्म, अर्थ, काम इन तीनों पुरुषार्थों का प्रतिपादन हुआ है। कुरल को तमिल साहित्य का बाइबिल कहा गया है।
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