एनी बेसेंट
सरोजिनी नायडू
रमाबाई
भीकाजी रुस्तम कामा
भीकाजी रुस्तम कामा क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की समर्थक थीं। उन्होंने यूरोप एवं अमेरिका से क्रांति का संचालन किया एवं जेनेवा से वंदे मातरम् पत्रिका निकाली। वर्ष 1907 में इन्होंने स्टुटगार्ट (जर्मनी) की समाजवादी कांग्रेस में भाग लिया जहां इन्होंने प्रथम भारतीय राष्ट्रीय झंडे को फहराया जिसकी डिजाइन इन्होंने स्वयं ही तैयार की थी। इसी सम्मेलन में इन्होंने अपनी पूरी शक्ति के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के संकल्प की उद्घोषणा की। ये तीस वर्षों तक पेरिस में भारत की स्वतंत्रता के लिए काम करती रहीं। वर्ष 1936 में 75 वर्ष की अवस्था में उनका देहांत हो गया। वह ‘भारतीय क्रांति की मां’ के रुप में विख्यात हैं।
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