चंद्रशेखर आजाद के साथ
सुखदेव के साथ
बटुकेश्वर दत्त के साथ
राजगुरु के साथ
‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (H.S.R.A.) के दो सदस्यों भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को केंद्रीय विधान सभा में बम फेंका, दोनों को गिरफ्तार कर केंद्रीय एसेंबली बम कांड के अंतर्गत मुकदमा चलाया गया। बाद में इस संगठन के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर कुल 18 क्रांतिकारियों के ऊपर लाहौर षडयंत्र कांड के अंतर्गत मुकदमा चलाया गया। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी हुई। 23 मार्च, 1931 को इन तीनों को फांसी दे दी गई।
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