12 एवं 16
14 एवं 18
15 एवं 21
16 एवं 22
वर्ष 1929 में अजमेर निवासी एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. हरविलास शारदा के प्रयत्नों से एक बाल विवाह निषेध कानून बन पाया। उन्हीं के नाम पर ही इसे शारदा अधिनियम (शारदा एक्ट) कहा गया। इस अधिनियम के द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम सीमा 14 वर्ष एवं लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई।
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