मातृभक्ति
मातृभूमि
मातृसेवा
मातृभाषा
इस गद्यांश का मुख्य विषय मातृ सेवा है क्योंकि लेखक अपने आपको माता, मातृभूमि एवं मातृ भाषा का ऋणी समझता है और कहता है कि इस ऋण से मुक्त होने के लिए हमें सच्चे मन से उसकी सेवा करनी चाहिए, अत: मातृ सेवा ही इस गद्यांश का मुख्य उद्दिष्ट विषय है।
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