सद् + धर्म
सद् + अधर्म
स + द्धर्म
सत् + धर्म
सत् + धर्म = सद्धर्म। इसमें व्यंजन संधि है। यदि क्, च्, ट्, त्, प् के बाद किसी वर्ग का तृतीय या चतुर्थ वर्ण आए, या य, र, ल, व या कोई स्वर आए तो क्, च्, ट्, त्, प् के स्थान पर अपने ही वर्ग का तीसरा वर्ण हो जाता है। जैसे - सत् + वाणी = सद्वाणी, अच् + अंत = अजंत, अप् + इंधन = अबिंधन
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