‘गौ: + चरति’ की सन्धि है -

  • 1

    गोस्चरति

  • 2

    गौचरति

  • 3

    गौश्चरति

  • 4

    गौहचरति

Answer:- 3
Explanation:-

‘गौ: + चरति’ की सन्धि ‘गौश्चरति’ है। क्यों कि यदि विसर्ग के बाद ‘च-छ’ हो तो विसर्ग का ‘श्’, ‘ट-ठ’ हो तो ‘ष्’ और ‘त-थ’ हो तो ‘स्’ हो जाता है। इसके अन्य उदाहरण इस प्रकार हैं- नि: + चय = निश्चय धनु: + टंकार = धनुष्टंकार नि: + तार = निस्तार नि: + छल = निश्छल

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