परंपरा को
पूँजीवाद को
अतीत को
साम्राज्यवाद को
प्रगतिवाद मनुष्य वर्तमान दुर्दशा के लिए अतीत को दोषी ठहराता है, क्योंकि वर्तमान अतीत की ही प्रतिफल है। अतीत का इतिहास मुख्यत: पूंजीवादी सभ्यता का इतिहास है। साम्राज्यवादियों तथा पूँजीवादियों के उत्पीड़न से मनुष्य की जो दुर्गति और दुर्दशा हुई है, वह अत्यंत दर्दनाक है।
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