प्राचीन काल में नारी दासी थी।
प्राचीन काल में नारी का स्थान अग्रमण्य था।
नारी को अपमानित किया जाता था।
नारी का कोई स्थान नहीं था।
उपर्युक्त पद्यांश के अनुसार प्राचीन काल में नारी का स्थान समाज में अग्रगण्य था। मध्य काल से नारियों का पतन प्रारम्भ हुआ।
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