‘निसदिन बरसत नैन हमारे’ इस पंक्ति में किस रस का वर्णन है -

  • 1

    वीर

  • 2

    भयानक

  • 3

    वात्सल्य

  • 4

    श्रृंगार

Answer:- 4
Explanation:-

'निसदिन बरसत नैन हमारे' में 'श्रृंगार रस' है। इसमें वियोग श्रृंगार है। जहाँ पर हृदय में उत्साह उत्पन्न हो, वहाँ वीर रस होता है। जैसे-फहरी ध्वजा फड़की भुजा, बलिदान की ज्वालमुखी। जहाँ भय उत्पन्न करने वाली वस्तु या दृश्य को देखकर भय की सृष्टि हो, भयानक रस होता है। जैसे-'उधर सिंधु लहरिया कुटिल काल के जालों सी'।

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