“केशव कहि न जाइ का कहिए। देखत तव रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिए।” में है -

  • 1

    रौद्र रस

  • 2

    शान्त रस

  • 3

    भयानक रस

  • 4

    अद्भुत रस

Answer:- 4
Explanation:-

'केशव कहि न जाई का कहिये।' देखत तव रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिये'। यहाँ काव्य में केशव (कृष्ण/रामईश्वर) के अद्भुत रूप का बोध होता है अत: इस काव्य में अद्भुत रस होगा।

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