पुरस्कार विख्यात प्रशिक्षकों को सम्मानित करने हेतु 1985 में प्रारम्भ किया गया था।
पुरस्कार में द्रोणाचार्य की मूर्ति, 5,00,000 रुपए नकद तथा ‘मान-पत्र’ दिया जाता है।
पुरस्कार वर्ष में केवल एक ही प्रशिक्षक को दिया जाता है।
पुरस्कार ‘मानव संसाधन’ विकास मन्त्रालय के अन्तर्गत ‘युवा कार्यक्रम और खेल विभाग’ द्वारा दिया जाता है।
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