शि + रतु
शिता + रूतु
शीत + ऋतु
शित + रितु
‘शीर्ततु’ का संधि - विच्छेद शीत + ऋतु होता है, यहां गुण संधि का प्रयोग हुआ है। गुण संधि - जब अ, आ का मेल इ, ई से होता है तो ‘ए’ बनता है इसी प्रकार जब अ, आ का मेल उ, ऊ से होता है तो ‘ओ’ बनता है। जैसे - महेश = महा + ईश
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