ग्यारह
चार
सात
दो
हिन्दी भाषा में ह्रस्व स्वरों की संख्या चार है। स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं। व्याकरण में परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 11 मानी गई है। स्वरों के दो भेद होते हैं। ह्रस्व स्वर - वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चरित किया जाता है, ह्रस्व कहलाते हैं जैसे - अ,इ,उ, ऋ दीर्घ स्वर - वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है जैसे - आ,ई,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ।
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